चंदा जिससे लिया मोदी साहब ने उसे काम भी बड़े-बड़े दिए। देश की 30 बड़ी कंपनियों को ईडी का भय दिखाकर 335 करोड़ वसूलने का कारनामा सिर्फ भाजपा का मोदी ही कर सकता है। और धंधे में ईमानदारी बहुत है।
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इलेक्टोरल बॉन्ड असंवैधानिक है। लेकिन मोदी सरकार की बेशर्मी देखिए कि कुछ भी बोलने को तैयार नहीं कि उसने किस तरह करोड़ों का चंदा पे-पीएम से लिया और जिस फर्म से लिया उसको कितना करोड़ों-हजारों का धंधा (निर्माण काम) दिया।
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उत्तराखंड सुरंग हादसा देश भूला नहीं है। नवयुग नामक कंपनी सुरंग बना रही थी, लेकिन आज तक मामले की जांच तक नहीं हुई । जानते हैं क्यों? क्योंकि इस इंजीनियरिंग कंपनी ने 18 अप्रैल2019 और 10 अक्टूबर 2022 के दौरान 90 करोड़ के बॉन्ड खरीदे। भाजपा को दिए। उसका धंधा थमा नहीं।
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इलेक्टोरल बॉन्ड नाम की भी वाशिंग मशीन बाजार में आ गई है। इस बॉन्ड से सबसे ज्यादा भाजपा को सिर्फ एक साल में 1,300 करोड़ रुपये चंदे पे-पीएम के माध्यम से मिले. और ऐसे कंपनियों को जमकर ठेके भी मिले।
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देवी लेबोरेट्री के यहाँ 19 फरवरी, 2019 को इनकम टैक्स ने रेड मारी। 5 जुलाई, 2023 को लेबोरेट्री के मालिक ने करोड़ों के बॉण्ड ख़रीदे, छापा रुक ही, धंधा भी हाथ आ गया। मोदी है तो मुमकिन है!
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सिर्फ आकाश में ही नहीं मोदी काल में धरती पर ही 'चन्दा मामा' का जन्म हुआ। मोदी भ्रष्टाचार के खिलाफ भाषण देते रहे और कारपोरेट यारों से हजारों-करोड़ों माल पे-पीएम से लेकर उसे धंधा देते रहे।
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